बिटिया रानी छोटी सी
चोटी बांधे मोटी सी ।
एक दांत है टूटा सा
गुस्से से मुँह फूला सा ।
बिल्ली के पीछे ना दौड़ी आज
मची ना धमा-कचौड़ी आज ।
तोते से ना बात किया
बकरी को ना घास दिया ।
क्या किसी ने डाँटा है
या कोई खिलौना टूटा है ।
मैंने पूछा क्या हुआ ?
चूहे ने फ्रॉक कुतर दिया !
1 comment:
Very sweet poem...
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